हिन्दी ब्लॉग टिप्स |
Posted: 27 Sep 2009 11:53 PM PDT अब ब्लागवाणी को पीछे छोडकर आगे जाने का समय आ गया है.. ब्लॉगवाणी खोलते ही यह संदेश मिला। थोड़े हिन्दी चिट्ठे खंगाले तो वह विवादित पोस्ट भी दिखी, जिसने इस तरह के लांछन ब्लॉगवाणी पर लगाए। तकनीकी युग है। कुछ भी किया जा सकता है और उसे सिद्ध भी किया जा सकता है। यहां मुझे यह लिखने की जरूरत नहीं है कि ब्लॉगवाणी संकलक हिन्दी चिट्ठों के विकास में किस तरह की भूमिका निभा रहा है। मैं बस यह कहूंगा ब्लॉगवाणी ने मुझे हर नए-पुराने चिट्ठाकार के साथ एक परिवार के रूप में बांधा है। ऐसा शायद ही कोई दिन होता है, जब मेरे कंप्यूटर पर सुबह सबसे पहले खुलने वाली वेबसाइट ब्लॉगवाणी न होती हो। टीम ब्लॉगवाणी से मेरी व मेरे साथी चिट्ठाकारों की विनम्र अपील है कि इस मंच को फिर से सुचारू करें और हिन्दी ब्लॉग जगत के इस सबसे विशाल चौपाल को बरकरार रखें। पसंद-नापसंद के मामले में यही कहूंगा कि तंत्र को मजबूत रखें और फिर भी सेंधमारी होती हैं तो उसकी परवाह न करें। पाठक इतना समझदार है कि बेवजह बढ़ाई गई पसंद वाले चिट्ठों को वह आसानी से पहचानता है। उम्मीद है टीम ब्लॉगवाणी इस छोटी सी चिट्ठी पर संज्ञान लेगी। सकारात्मक जवाब की प्रतीक्षा में.. हैपी ब्लॉगिंग. क्या आपको यह लेख पसंद आया? अगर हां, तो ...इस ब्लॉग के प्रशंसक बनिए ना !! हिन्दी ब्लॉग टिप्स की हर नई जानकारी अपने मेल-बॉक्स में मुफ्त मंगाइए!!!!!!!!!! |
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